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    Loving my dead wife

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    Nam beatae reprehenderit est odio. Perspiciatis recusandae voluptatibus eveniet alias accusantium voluptatem ea. Ut sapiente quia voluptates eum molestiae autem doloremque. Est a et libero.

    120.00
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    Paradime

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    “पैराडाइम कथानक के रूप में नई है और इसमें चीजों को प्रस्तुत करने की शैली भी नई है। मैंने इस तरह की और कौन-सी कहानी पढ़ी है, मुझे याद नहीं। इसकी स्टोरी लाईन अच्छी है। कहानी के बीच-बीच में हेडिंग डालना अच्छा है। इसमें पैराडाइम का अर्थ जिस तरह से समझाया गया है, वह अभी तक जो पारंपरिक कहानियां हैं, उससे अलग शैली में है। कहानी में फ़्लो (बहाव) है। पढ़ने में फ़्लो बहाव है। इसका अन्त भी अच्छा है। कोई ऐसा अन्त नहीं कि हम किसी नतीजे पर पहुंच जायें। कथानक और शैली के लिहाजा से यह एक नई शुरुआत है। कहानी में कई प्रकार के प्रयोग किये गये हैं। प्रयोगों में नवीनता है। पारंपरिक ढंग से कहानियां जैसे लिखी जाती हैं, पैराडाइम वैसी नहीं है। बहुत सारी चीजों जोड़ी गई हैं, जो अच्छी बात है।” -शिवमूर्ति, वरिष्ठ कथाकार

    90.00
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    Bharat 1857 se 1957 Itihas par ek Drishti

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    पुस्तक का शीर्षक भले ही 1857 से 1957 तक के भारत में सीमित रखा गया हो परंतु 1857 से पूर्व के एक शतक तक की पृष्ठभूमि से ही इसका प्रारंभ किया गया है। पुस्तक के अंतिम अध्याय में भी 1957 के बाद के भारत का भविष्य क्या होगा तथा डॉक्टर  आंबेडकर के सपने के अनुसार क्या हम इस देश के भविष्य को संवार  पाएंगे? यह प्रश्‍न लेखक ने पाठकों के समुख उपस्थित किया है। लेखक का अपने विषय को 1957 तक सीमित रखने के पीछे शायद यही भाव रहा हो कि पंडित नेहरू की सत्ता प्राप्ति के लिए अपनाई गई रणनीति की जानकारी पाठकों तक पहुंचे। लेखक की यह पहली ही पुस्तक है जो पठनीय हुई और यह उनकी साहित्य-यात्रा के लिए एक उत्साहवर्धक बात है।

    150.00
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    Mujhe Patang ho jana hai

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    Consequatur consequuntur doloremque facere voluptatem explicabo et molestiae. Qui esse consequuntur magni.

    120.00
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    Hawa ki Nadi Mein

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    हिन्दी के वरिष्ठ कवि उपेन्द्र कुमार वस्तुतः अधिकार, प्यार, असंगत व्यवस्था को धिक्कार, जनजीवन के परिष्कार, चेतना के उभार और उपादेय परम्परा के स्वीकार के कवि हैं। ये सभी समुज्ज्वल भाव उनकी कविताओं में हर स्थिति में रेखांकित होते हैं। उनकी कविताओं में चिड़िया, पहाड़, पर्वत, नदी, रिश्ते, लिवास, नाम, पहचान, घर, अन्धकार-विरोध, व्यवस्था-विरोध, संचार…जैसे प्रसंगों को पूरी अर्थवत्ता के साथ जगह मिलती है। इनके मूलार्थ आहत करनेवालों पर वे आँखें तरेरते हैं। उनके जनसरोकार और उनकी काव्य-दृष्टि विस्तृत विवेचन की हकदार है।

    156.00
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    Flood Dynamics of Kosi : A Geographical Analysis

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    Since long India as well as in other countries flood management of a river basin have been focusing mainly on the downstream management. In Kosi also flood management strategy mostly emphasized upon the downstream management, but still outcomes are not as per the expectation of the people. Through this book it has been tried to draw the attention of planners also toward upstream management rather than heavy dependency on downstream management for flood management. This book also emphasizes upon the study and analysis of morphometry of a basin for adopting holistic approach of flood management of a river basin. Details of various aspects of morphometry of the basin together with data of soil, rainfall and geology will be helpful to identify the areas which are vulnerable for silt source in the catchments.

    350.00
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    Hindi Kavita Ka Uttarpoorv

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    इस संग्रह में संकलित कवियों की कविताओं के स्वरों को पढ़कर बहुत हद तक आप तीन मुय सवालों के उत्तर भी तलाश सकते हैं। एक यह कि इन कवियों के कविता लेखन की वास्तविक पृष्ठभूमि क्या है? दूसरा यह कि मुयधारा के कविता स्वर से इनकी कविता का स्वर कहां तक मेल खाता है? और तीसरा यह कि उत्तर-पूर्व के कवियों की कविताओं का स्वर क्या है? इस संग्रह को निकालने के पीछे इन्हीं मुय तीन सवालों से टकराने तथा पूर्वोत्तर में रहकर हिंदी कविता लेखन कर रहे कवियों की कविताओं से हिंदी की मुयधारा की काव्य-संवेदना से जोड़ने का भी प्रयास किया गया है। इसलिए ध्यान परिमाण की बजाय कविता की विविधता पर रहा है।

    150.00