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Aadha Khakhadee Aadha Dhaan

Author: Pankaj Mitra

275.00

सिकुड़ते खेत और फैलते शहर के बीच किसानों की बेबसी हमारे समय का एक ऐसा सच है, जिसने गांवों की तस्वीर को बेतरह बदल दिया है। बदलाव और ठहराव की संयुक्त जमीन पर खड़े आज के गाँव प्रेमचन्द और रेणु के गाँवों से कई अर्थों में भिन्न हैं। बाज़ार की चकाचौंध और अस्मिता के प्रश्नों के बीच ग्रामीण जनजीवन खासा जटिल और विडंबनापूर्ण हो उठा है। पंकज मित्र की ये कहानियाँ ग्रामीण जीवन की नई छवियों को तो उद्घाटित करती ही हैं, आवारा पूँजी के सहारे फलती-फूलती मॉल और माल संस्कृति की दुरभिसंधियों को भी पहचानती हैं। इन कहानियों में स्थान और समय भी जीवंत किरदार की तरह उपस्थित होते हैं। इनसे गुजरना गाँव और कस्बों के नए जीवन यथार्थो की सच्ची गवाहियों का साक्षात्कार करना है।

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Description

सिकुड़ते खेत और फैलते शहर के बीच किसानों की बेबसी हमारे समय का एक ऐसा सच है, जिसने गांवों की तस्वीर को बेतरह बदल दिया है। बदलाव और ठहराव की संयुक्त जमीन पर खड़े आज के गाँव प्रेमचन्द और रेणु के गाँवों से कई अर्थों में भिन्न हैं। बाज़ार की चकाचौंध और अस्मिता के प्रश्नों के बीच ग्रामीण जनजीवन खासा जटिल और विडंबनापूर्ण हो उठा है। पंकज मित्र की ये कहानियाँ ग्रामीण जीवन की नई छवियों को तो उद्घाटित करती ही हैं, आवारा पूँजी के सहारे फलती-फूलती मॉल और माल संस्कृति की दुरभिसंधियों को भी पहचानती हैं। इन कहानियों में स्थान और समय भी जीवंत किरदार की तरह उपस्थित होते हैं। इनसे गुजरना गाँव और कस्बों के नए जीवन यथार्थो की सच्ची गवाहियों का साक्षात्कार करना है।

Additional information

Weight 0.2 kg
Dimensions 21 × 14 × 1 cm
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