Description
‘बहरा गणतंत्र’ की शुरुआत होती है सैनिकों के कब्जे वाले एक देश में, शासन की क्रूरता के खिलाफ विरोध से। हालाँकि उस देश की भौगोलिक स्थिति अस्पष्ट है, कहानी की दिलदहला देने वाली घटनाओं में हम अपने आप को ढूढ़ने लगते हैं। दिखने लगता है हमें, हमारा समय, हमारा देश। यह एक अद्भुत दृष्टांत है जो कविताओं में खुलता है, एक-एक करके, परत-दर- परत : विरोध पर काबू करने के लिए एक सैनिक का गोलियों से एक बधिर बच्चे को भून डालना– और गोली की उस आवाज़ से पूरे शहर का बधिर बन जाना। सर्वत्र व्याप्त ख़ामोशी और सैनिकों की क्रूरता के उस माहौल में नागरिक आपस में इशारों की जिस भाषा का इस्तेमाल करते हैं, उसे पुस्तक में भलीभांति चित्रित किया गया है।
इस पुस्तक में एक ओर अगर सैनिक शासन की ज्यादती की कहानी है, तो दूसरी ओर हिंसा से प्रभावित कुछ लोगों के निजी जीवन का चित्रण : एक नवविवाहित जोड़े, ऐलफोंन्सो और सौन्या, को अपने बच्चे के पैदा होने का इंतजार है; साहसी महिला मौमा गल्या; और उसके थियेटर में कार्यरत महिलाएँ, दिन में लोगों को इशारों की भाषा सिखाती हैं और रात में सैनिकों को बहला फुसलाकर पर्दे के पीछे उन्हें उनकी मृत्यु की ओर ढकेलती हैं। ‘बहरा गणतंत्र’ में प्रेम कथा, शोक गीत और एक आग्रहपूर्ण दलील तीनों का सुंदर समागम है। यह समकालीन दुनिया में हो रहे अत्याचार पर हमारी सामूहिक ख़ामोशी पर एक चेतावनी, एक सवाल भी है।
इल्या कामिंस्की कहते हैं, “बहरे लोगों के जीवन में ख़ामोशी नामक कोई चीज नहीं होती। इसका इज़ाद तो सुनने वालों ने किया है।”
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