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Pustaknama Sahitya Varshiki 2023

Author: Rakesh Bihari

200.00

साहित्य, कला और विचार की पारस्परिकता से निर्मित ‘पुस्तकनामा’ का यह वार्षिक आयोजन, जिसके प्रथमांक को हमने ‘चेतना का देश-राग’ नाम दिया है, ऐसी ही रचनायात्राओं की शृंखला में एक नई कड़ी की तरह जुड़ रहा है। हमारे समय की प्रतिनिधि रचनाशीलता की विश्वसनीय आवाजों को समेटे लगभग तीन सौ पृष्ठों की यह पत्रिका विश्व पुस्तक मेले में आपके हाथों में होगी।

Description

पुस्तकनामा : (साहित्य, कला और विचार की समग्र वार्षिकी)

गति और ठहराव, द्रुत और विलंबित, राग-रंग और शोक, शुद्धता और मिलावट तथा अपेक्षा और मोहभंग की कई समानांतर, विरोधी और पूरक लकीरों से ही आज के समय की छवि मुकम्मल होती है। अपने समय, समाज और सभ्यता की समीक्षा करते हुए एक बेहतर दुनिया के स्वप्न की रचना ही साहित्य और कला का वास्तविक प्रयोजन है। स्वाद और ख्वाब की साझा जमीन पर चलनेवाली यह प्रक्रिया एक ऐसी यात्रा है, जिसकी कोई एक मंजिल नहीं हो सकती। हाँ, हर रोज मील के एक नये पत्थर तक पहुँच पाना ही इस रचनायात्रा की उपलब्धि होती है। साहित्य, कला और विचार की पारस्परिकता से निर्मित ‘पुस्तकनामा’ का यह वार्षिक आयोजन, जिसके प्रथमांक को हमने ‘चेतना का देश-राग’ नाम दिया है, ऐसी ही रचनायात्राओं की शृंखला में एक नई कड़ी की तरह जुड़ रहा है। हमारे समय की प्रतिनिधि रचनाशीलता की विश्वसनीय आवाजों को समेटे लगभग तीन सौ पृष्ठों की यह पत्रिका विश्व पुस्तक मेले में आपके हाथों में होगी।

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