Availability: In Stock

Sahayata Tatha Anya Kahaniyan

Author: Maheshwar
SKU: 29353835

120.00

चेक साहित्य का नाम सुनते ही पिछली सदी के जिन चेक लेखकों का ध्यान आता है, उनमें कारेल चापेक, जोसेफ श्कवोरेस्की, ब्लादीमीर पारेल, ईवान क्लीमा, लुदवीक वाकुलिक, ओता पावेल, वॉस्लाव हावेल, ईरी ग्रुसा, मिरोस्लाव होबुल, बोहुमिल हराबल, यान ओत्चेनाशेक, यारोस्लाव हासेक, अर्नोश्त लुस्तिग, यारोस्लाव पुतीक, लुदवीक अश्केनात्शी, ईरी वोल्कर, जुलियस यूचिक, यारोस्लाव साइफर्त, फ्रान्तिशेक राखलीक, फ्रान्तिशेक पिलार आदि प्रमुा हैं। इनका कालखंड लगभग विश्वयुद्ध के आस-पास का रहा है। दुर्भाग्यवश हमारा यूरोप के केन्द्रीय और पूर्वी देशों के साहित्य से परिचय बहुत सीमित रहा है। अँग्रेजी के माध्यम से यूरोप के साहित्य की जो जानकारी हमें मिली वह अपर्याप्त है। प्रस्तुत कहानी-संग्रह का यह एक प्रयास है कि विश्वयुद्ध से जुड़ी चेक कहानियों से गुजरते हुए वहाँ की तत्कालीन परिस्थितियों का ज्ञान हो और वहाँ की सामाजिक-सांस्कृतिक स्थितियों से परिचय भी।

Description

चेक साहित्य का नाम सुनते ही पिछली सदी के जिन चेक लेखकों का ध्यान आता है, उनमें कारेल चापेक, जोसेफ श्कवोरेस्की, ब्लादीमीर पारेल, ईवान क्लीमा, लुदवीक वाकुलिक, ओता पावेल, वॉस्लाव हावेल, ईरी ग्रुसा, मिरोस्लाव होबुल, बोहुमिल हराबल, यान ओत्चेनाशेक, यारोस्लाव हासेक, अर्नोश्त लुस्तिग, यारोस्लाव पुतीक, लुदवीक अश्केनात्शी, ईरी वोल्कर, जुलियस यूचिक, यारोस्लाव साइफर्त, फ्रान्तिशेक राखलीक, फ्रान्तिशेक पिलार आदि प्रमुा हैं। इनका कालखंड लगभग विश्वयुद्ध के आस-पास का रहा है। दुर्भाग्यवश हमारा यूरोप के केन्द्रीय और पूर्वी देशों के साहित्य से परिचय बहुत सीमित रहा है। अँग्रेजी के माध्यम से यूरोप के साहित्य की जो जानकारी हमें मिली वह अपर्याप्त है। प्रस्तुत कहानी-संग्रह का यह एक प्रयास है कि विश्वयुद्ध से जुड़ी चेक कहानियों से गुजरते हुए वहाँ की तत्कालीन परिस्थितियों का ज्ञान हो और वहाँ की सामाजिक-सांस्कृतिक स्थितियों से परिचय भी।

Additional information

Dimensions 13 × 21 × .5 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Sahayata Tatha Anya Kahaniyan”

Your email address will not be published. Required fields are marked *