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Czech Sahitya Bhasha v Sanskritik Pariprekshya

Author: Maheshwar
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Description

किसी भी देश का साहित्य उस देश को जानने-समझने का एक अच्छा माध्यम होता है, शायद इसीलिए साहित्य को समाज का दर्पण कहा गया है। जब कोई अपने समाज स बाहर निकल कर दूसरे समाज को जानने-समझने का प्रयास करता है तो वह कई जाने-अनजाने पहलूओं से भी अवगत होता है। चेकोस्लोवाकिया (वर्तमान में चेक रिपब्लिक) ने विश्वयुद्ध की त्रासदी और नाज़ियों की तानाशाही को सहा है। विश्वयुद्ध का प्रभाव चेक साहित्य पर भी पड़ा और चेक साहित्यकारों ने अपनी सकारात्मकभूमिका निभाते हुए विश्‍व साहित्य को समृद्ध किया और कई यर्थाथवादी कालयजी कृतियाँ दीं। उपलब्ध चेक साहित्य के मूल में प्रेम और भाईचारे की प्रस्तावना है। लेखक ने इस पुस्तक में चेक साहित्य के भाषाई और सांस्कृतिक सन्दर्भों का गहराई से अध्ययन किया है। पुस्तक के माध्यम से हम चेक साहित्य से न सिर्फ परिचित हो पाएँगे बल्कि उसकी एक समझ भी पाठकों के मन में विकसित कर पाएँगे।

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