Description
101 दिनों तक मुस्लिम महिलाओं द्वारा शालीनता से चलाया गया शाहीनबाग आंदोलन देश का अकेला विश्वसनीय उदाहरण है। सत्ता की दमनकारी नीतियों से विचलित न होने वाली महिलाओं ने यह साबित कर दिया कि न्यायोचित मांग के लिए आंदोलन को जिंदा रखना है और लोगों की नफरत, घृणा व निन्दा को सहन करना है। वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हुई क्योंकि तालाबन्दी की घोषणा होते ही आंदोलन समाप्त हुआ। 378 दिनों तक चले किसान आंदोलन से सत्ता और किसान एक दूसरे से भयभीत रहे। सत्ता की यातना से आंदोलनकारियों के खामोश आँसू उनके हृदय के दुख और शोक को मुखरित करते रहे। हर दिन संघर्ष और यातना का मिलन होता रहा। किसानों की लम्बी तपस्या के बाद तीन विवादित कृषि कानून निरस्त हुए लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून नहीं बना। आंदोलन समाप्त हुआ। संघर्ष की लम्बी यात्रा को संतोषजनक कहा जा सकता है।
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