Description
पिछले दो-तीन दशकों में हिंदी की दुनिया में बहुत सारी नई लेखिकाएं सामने आई है और उनकी किताबें भी छप रहीं हैं। अब किताबों में स्त्री को देखा जा सकता है। ‘पुस्तकनामा’ से प्रकाशित हो रही इस पुस्तक में वैसी किताबों पर लेख हैं जिसमें स्त्री किसी न किसी रूप में दर्ज है। इनमें अधिकतर किताबें महिला साहित्यकारों की हैं। इसमें नवजागरण काल के साहित्य से लेकर समकालीन सहित्य के अलावा फिल्म, रंगमंच की किताबें हैं। आशा है, पाठकों को यह किताब पसंद आएगी क्योंकि इसमें एक तरफ शिवरानी देवी, महादेवी वर्मा और कस्तूरबा गांधी पर लेख हैं तो दूसरी तरफ गरिमा श्रीवास्तव, रूपा गुप्ता और सुनंदा पराशर जैसी विदुषी साहित्यकारों की किताबों पर लेख है तो वहीं युवा आलोचक यशस्विनी पाण्डेय की किताब पर भी लेख शामिल है।
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