Description

मराठी की वरिष्ठ कवि अनुराधा पाटील की छोटी-बड़ी लगभग पचास कविताओं का हिन्दी में यह अनुवाद एक परिघटना की तरह से माना जाना चाहिए। ‘हत्या केवल शब्द नहीं है’ शीर्षक से ये कविताएँ इस बात की तस्दीक करती हैं कि विभिन्न भारतीय भाषाओं में जो कविता इस समय लिखी जा रही है उसमें हमारा यह वर्तमान मानव अस्तित्व के किसी मूलभूत नैतिक संकट, संशय, अनिश्चितताओं और एक गहरी प्रश्नाकुलता से भरा हुआ है। अनेक रूप, छटाएँ और विविध रंगी अभिव्यक्तियों के साथ हमारे इस समकालीन समय के मिजाज को अपनी अपनी तरह से व्यक्त करती ये कविताएँ सच और झूठ के फर्क को धुँधलाने वाले तन्त्र की अन्दरूनी तहों में उतरती हैं। –विजय कुमार, वरिष्ठ कवि-आलोचक, अनुवादक
कविता की गाड़ी अपने घर से निकलकर कितनी भी धीमी रफ़्तार से चलती हो, सुधी अनुवादक के मिलने पर देर सवेर नयी मंज़िल तक पहुँच ही जाती है। हिन्दी के कविता प्रेमी और जागरुक पाठक के बीच समकालीन मराठी कविता की जो भी तस्वीर है इस किताब के आने से वह ज़्यादा साफ़ और मुकम्मल होगी। सुनीता डागा के सहज, बोधगम्य और महारत से किए गए अनुवाद में यह पुस्तक हमारे लिए एक तोहफ़ा है। –असद ज़ैदी, वरिष्ठ कवि

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