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    Thaka Suraj Chamakta hai

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    लंबी कविता आधुनिक साहित्य का वैकल्पिक खंडकाव्य है। इसकी शुरुआत क्यों हुई, यह विचारणीय मुद्दा है। ध्यान खींचने योग्य तथ्य है, कि यह उपविधा के रुप में महाकाव्यों के लगभग अवसान के पश्चात प्रकट हुई। 20वीं सदी में बृहद उपन्यासों को जीवन का महाकाव्यात्मक आयान कहा गया, जो कि तर्कपूर्ण भी है। सही अर्थों में उपन्यास ही महाकाव्य के विकल्प सिद्ध होते हैं, अन्य कोई भी विधा नहीं। इस नजरिए से ल़ंबी कविता की अपनी अलग विशिष्टता, पहचान और  प्रकृति है। लंबी कविता कविता का ही बहुदिशात्मक विस्तार है। वर्तमान की कुरुपताओं को मात देकर भविष्य के लिए प्रशस्त जनपथ का निर्माण करना लंबी कविता का मूलभूत दायित्व है। यह संग्रह निश्‍चय ही अपनी धारा प्रशस्त करेगा।

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