Yadvendra

Yadvendra

1957 में आरा, बिहार में जन्म और इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई। युवावस्था जेपी आंदोलन में शिरकत,नुक्कड़ नाटक और दिनमान और जनसत्ता जैसे अग्रणी प्रकाशनों के लिए पत्रकारिता करते हुए बीती। अड़तीस साल एक शीर्ष राष्ट्रीय वैज्ञानिक शोध संस्थान से संबद्ध रहकर महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट संपन्न किए। साथ-साथ प्रमुख राष्ट्रीय अ$खबारों, पत्रिकाओं में विज्ञान और सामयिक विषयों पर प्रचुर लेखन के बाद पिछले पंद्रह सालों से साहित्यिक अनुवाद की ओर प्रवृत्त। सभी प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाओं में अनुवाद प्रकाशित। जिन पड़ोसी समाजों और खास कर स्त्रियों के लेखन की ओर हिन्दी साहित्यकारों ने ध्यान नहीं दिया उन पर विशेष फोकस। यायावरी, सिनेमा और $फोटोग्रा$फी का शौ$क। प्रकाशित कृतियाँ : तंग गलियों से भी दिखता है आकाश (कहानी,2018), स्याही की गमक (कहानी, 2019), कविता का विश्व रंग : युद्धोत्तर विश्व कविता के प्रतिनिधि स्वर (2019), कविता का विश्व रंग : समकालीन विश्व कविता के प्रतिनिधि स्वर (2019), जगमगाते जुगनुओं की जोत (कहानी, 2022) किस्सा मेडिसन काउण्टी के पुलों का (उपन्यास, 2022) और घने अंधकार में खुलती खिड़की (ईरानी स्त्रियों की प्रतिरोधी सामग्री, 2023)संप्रति पटना में निवास।
सम्पर्क : yapandey@gmail.com

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