विभावरी
जवाहरलाल नेहरु वि.वि. से ‘स्त्री विमर्श के विविध आयाम : ‘डार से बिछुड़ी’ और ‘सुन्नर पांडे की पतोह’ के विशेष सन्दर्भ में’ विषय पर एम.फिल. और ‘हिंदी साहित्य और सिनेमा के मध्य स्त्री दृष्टि का अंतर’ विषय पर पीएच.डी. उपाधियाँ प्राप्त।
बुलंदशहर के एक राजकीय महाविद्यालय में तीन वर्ष तक अध्यापन कार्य के बाद 2011 से गौतम बुद्ध वि.वि. ग्रेटर नोयडा में अध्यापनरत।
FTII से 41वें फ़िल्म अप्रिशिएशन कोर्स में सहभागिता।
‘नया ज्ञानोदय’, ‘कथन’, ‘बयान’, ‘आजकल’ और ‘रचना समय’ जैसी विभिन्न पत्रिकाओं, ‘मोहल्ला लाइव’, ‘चवन्नी चैप’, ‘जानकीपुल’, ‘असुविधा’, और ‘काफ़ल ट्री’ जैसे अनेक ब्लॉग्स और ‘BBC हिंदी’ व ‘जनसत्ता’ जैसे वेब पोर्टल में स्त्री और सिनेमा व साहित्य से संबंधित आर्टिकल और शोध-आलेख प्रकाशित।
‘सिनेमा और भूमंडलीकरण’, ‘बेदाद-ए-इश्क़, रुदाद-ए-शादी’, ‘उपन्यास का वर्तमान’, ‘आज के सवाल शृंखला : कृषि संकट’, ‘कितनी गिरहें खोली हैं मैंने’ और ‘इरफ़ानियत’ जैसी संपादित पुस्तकों के लिए लेखन। ‘पिक्चर पोएट्री’ जैसी नई रचनात्मक विधा पर notnul से ‘और मैंने चुना काफ़िर हो जाना’ किताब प्रकाशित। ‘स्त्रीकाल’ के सिनेमा अंक का सम्पादन।