जन्म : 20 अप्रैल, 1924 को रानीपुर (ननिहाल) गाजीपुर जनपद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और वर्ष 1944 में अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि। बलवन्त राजपूत स्नातकोत्तर कॉलेज, आगरा (अब राजा बलवन्त सिंह कॉलेज) और उदय प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय, वाराणसी में चालीस वर्षों (1944 से 1984) तक अध्यापन।‘लोकदृष्टि और हिन्दी साहित्य’ और ‘आलोचना का जनपक्ष’ चर्चित आलोचनात्मक कृतियाँ। अनूदित कृतियाँ ‘हाथ’ (नाज़िम हिक़मत की कविताएँ), ‘पाब्लो नेरूदा कविता संचयन’, ‘वाल्ट ह्विटमन : घास की पत्तियाँ (कविता संचयन), ‘एमिली डिकिन्सन : कविता संचयन’ और ‘बर्तोल्त ब्रेत : कविता संचयन’।समकालीन हिन्दी तथा प्रकाशित काव्य-कृतियों पर 1957, 58 और 59 में नियमित रूप से ‘आज’ के वार्षिक सिंहावलोकन में सुमित्रानन्दन पन्त, बच्चन, अज्ञेय, रामविलास शर्मा, केदारनाथ अग्रवाल, नागार्जुन, शमशेर बहादुर सिंह, त्रिलोचन, शिवमंगल सिंह सुमन, भारतभूषण अग्रवाल, शभुनाथ सिंह, ठाकुर प्रसाद सिंह, नीरज, श्रीकांत वर्मा, धर्मवीर भारती, नरेश मेहता, दुष्यंत कुमार, केदारनाथ सिंह तथा तीसरा सप्तक के कवियों पर लेखन। विभिन्न साहित्यिक पत्रिकाओं ‘हंस’, ‘पारिजात’, ‘नया पथ’, ‘कल्पना’, ‘क़लम’, ‘स्वाधीनता’ आदि में अनगिनत लेख प्रकाशित। जिनमें से कई अप्राप्य और अब तक पुस्तकाकार अप्रकाशित। अंग्रेजी में Contemporary Hindi Poetry पर Hindi Review नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी (1958-1959) में भी लिखा है। हिन्दी पाठकों के बीच एक समर्पित अनुवादक के तौर लबे समय से समादृत श्री सिंह ने मायकोव्स्की तथा रॉबर्ट फ्रॉस्ट जैसे कई विशिष्ट कवियों की रचनाओं का भी अनुवाद किया है, जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। ‘कलम’ और जनवादी लेखक संघ की केन्द्रीय पत्रिका ‘नया पथ’ का भी सपादन।23 मई 2011 को बनारस में निधन।