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Meet

Author: Ayinam Ering

120.00

‘मीत’ जितना यह शब्द सुंदर लगता है उतना ही इसके मायने भी। रिश्ता चाहे कोई भी हो उसका एक बड़ा-सा हिस्सा दोस्ती का होना चाहिए क्योंकि इसमें प्रेम, विश्वास और एक विशेष प्रकार का अपनत्व विद्यमान रहता है। इसीलिए यह रिश्ता व्यक्ति को टूटने नहीं देता। इस अपनत्व का खून से कोई नाता नहीं है। इसका नाता हृदय से है। यह माना जाता है कि अपना बनाने से हर कोई अपना बन जाता है। आज की इस दौड़ती-भागती दुनिया में इसकी ज़रूरत सबसे ज्यादा है। यह हर रिश्ते को पानी देता है, उसे मुरझाने नहीं देता। इस संग्रह की कविताओं में प्रेम, घर-परिवार, रिश्ते, प्रकृति और भविष्य की आशावादी आकांक्षाएँ शामिल हैं। यह कविताएँ यथार्थवादी भावभूमि की सैर कराती हैं। जीवन के छोटे-छोटे अनछूए पहलूओं को माध्यम बनाकर रची गयी यह कविताएँ आपको खुद से परिचित कराने का माध्यम बनेंगी। एक स्वागत योग्य संग्रह जिसे आपके स्नेह की आवश्यकता है।

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Description

‘मीत’ जितना यह शब्द सुंदर लगता है उतना ही इसके मायने भी। रिश्ता चाहे कोई भी हो उसका एक बड़ा-सा हिस्सा दोस्ती का होना चाहिए क्योंकि इसमें प्रेम, विश्वास और एक विशेष प्रकार का अपनत्व विद्यमान रहता है। इसीलिए यह रिश्ता व्यक्ति को टूटने नहीं देता। इस अपनत्व का खून से कोई नाता नहीं है। इसका नाता हृदय से है। यह माना जाता है कि अपना बनाने से हर कोई अपना बन जाता है। आज की इस दौड़ती-भागती दुनिया में इसकी ज़रूरत सबसे ज्यादा है। यह हर रिश्ते को पानी देता है, उसे मुरझाने नहीं देता। इस संग्रह की कविताओं में प्रेम, घर-परिवार, रिश्ते, प्रकृति और भविष्य की आशावादी आकांक्षाएँ शामिल हैं। यह कविताएँ यथार्थवादी भावभूमि की सैर कराती हैं। जीवन के छोटे-छोटे अनछूए पहलूओं को माध्यम बनाकर रची गयी यह कविताएँ आपको खुद से परिचित कराने का माध्यम बनेंगी। एक स्वागत योग्य संग्रह जिसे आपके स्नेह की आवश्यकता है।

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